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परिचय :
कबड्डी एक रोचक खेल है, यह ऊर्जा और फुर्ती का खेल माना जाता है। कबड्डी खेल भारत में काफी लोकप्रिय है। यह खेल भारत के हर भाग में काफी समय से प्रचलित है।
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कबड्डी | प्रो कबड्डी |
आजकल के जमाने में जहां बच्चे अपना सारा समय टी. वी. और मोबाइल देखने में गुजार देते हैं। वहां बच्चों में कबड्डी जैसे खेलों के बारे में जानकारी देना बहुत आवश्यक है। बच्चों को खेल का महत्व समझाने और विविध खेलों में रुचि निर्माण करने के लिए कबड्डी जैसे खेल की बहुत आवश्यकता है।
कबड्डी खेल में खिलाड़ी बनियान और निकर पहनकर खेलता है। वैसे भारत में कबड्डी खुले मैदानो में मिट्टी में होती थी। आजकल इंडोर स्टेडियम में कबड्डी खेली जाती है। कबड्डी खेल की कई प्रतियोगिता होती है, इनमें एशियाई खेल, एशिया कप, कबड्डी वर्ल्डकप, प्रो कबड्डी लीग और भारत में राष्ट्रीय स्तर पर भी कई प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है।
कबड्डी खेलने का तरीका :
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कबड्डी | प्रो कबड्डी |
कबड्डी खेलने के लिए एक मैदान की आवश्यकता होती है। वह मैदान कैसा भी हो सकता है चाहे वह मिट्टी का हो या फिर छोटी घास वाला मैदान। कबड्डी खेलने के लिए 2 टीम होती है। जिनमें 7-7 खिलाड़ी होते है।
इस खेल में मैदान दो बराबर हिस्सों में बंटा होता है। जिसके बीचों-बीच एक लाइन बना दी जाती है। दोनों हिस्सों को आम भाषा में "पाला" भी कहा जाता है। जिसके दोनों तरफ दोनों टीमों के खिलाड़ी आ जाते है। फिर अन्य खेलों की तरह ही इसमें टॉस किया जाता है। जो भी टीम टॉस जीतती है। उस टीम का खिलाड़ी दूसरे टीम के पाले में कबड्डी-कबड्डी का उच्चारण करते हुए जाता है, और अगर वह खिलाड़ी दूसरे टीम के किसी खिलाड़ी को हाथ लगाकर वापस अपने पाले में आ जाता है तो उस टीम को 1 अंक मिल जाता है और अगर वह खिलाड़ी ऐसा नहीं कर पाता है। तो दूसरी टीम को 1 अंक मिल जाता है।
इस प्रकार जो भी टीम अधिक अंक हासिल करती है वही टीम जीत जाती है।
दोनों कबड्डी टीमों में 5-6 स्टापर ( पकड़ने में माहिर खिलाड़ी) और 4-5 रेडर (छूकर भागने में माहिर ) खिलाड़ी होते है।
पुराने जमाने में कबड्डी को खेलने के लिए कुछ अधिक नियम नहीं थे, लेकिन जब से इस खेल को एशियाई खेलों का हिस्सा बनाया है तब से इसमें कुछ नियम बना दिए गए है।
कबड्डी खेलने के नियम :
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कबड्डी | प्रो कबड्डी |
(1) कबड्डी खेलने के लिए 13 मीटर लंबे और 10 मीटर चौड़े मैदान की आवश्यकता होती है।
( 2 ) कबड्डी का मैदान मिट्टी और घास का बना हो सकता है।
(3) इस खेल को खेलने के लिए दो टीम की आवश्यकता होती है। दोनों टीमों में 7-7 खिलाड़ी होते हैं।
( 4 ) इस खेल को खेलने की समय अवधि 20 मिनट होती है। इन 20 मिनट में जो भी टीम सबसे ज्यादा अंक बनाती है। वह विजयी घोषित की जाती है।
(5) इस खेल को खेलने के लिए अन्य सभी खेलों की तरह सबसे पहले टॉस किया जाता है। टॉस में जीतने वाली टीम सबसे पहले खेलती है।
(6) कबड्डी खेलने वाले खिलाड़ी को दूसरी टीम के पाले में जाते समय कबड्डी शब्द का उच्चारण करते रहना पड़ता है। अगर वह कबड्डी शब्द बोलना भूल जाता है या फिर बोलते बोलते अटक जाता है। तो उस खिलाड़ी को आउट कर दिया जाता है।
(7) कबड्डी मैदान से खिलाड़ी के बाहर जाने पर भी खिलाड़ी को आउट मान लिया जाता है।
(8) कबड्डी खेल का आयोजन उम्र और वजन के आधार पर किया जाता है।
कबड्डी का इतिहास व जानकारी :
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कबड्डी | प्रो कबड्डी |
कबड्डी का इतिहास भारत से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि कबड्डी की शुरुआत भारत में हुई है। भारत के तमिलनाडु राज्य में कबड्डी की उत्पत्ति मानी जाती है।
1. आजादी से पहले 1915 के आसपास महाराष्ट्र में इस खेल को प्रोफेशनल तरीके से खेला गया था। महाराष्ट्र में उस समय कबड्डी को खेलने के नियम बनाये गए थे। पहले कबड्डी केवल राष्ट्रीय स्तर पर ही खेला जाता था। वर्ष 1938 में कबड्डी राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा बनी थी।
2. वर्ष 1980 में फर्स्ट एशियन कबड्डी चैंपियनशिप खेली गई थी। इस चैंपियनशिप में भारत ने बांग्लादेश को हराकर जीत हासिल की थी।
3. वर्ष 1950 में अखिल भारतीय कबड्डी फेडरेशन का गठन हुआ था।
4. वर्ष 1970 के एशियन गेम में कबड्डी को शामिल किया गया था। एशियन गेम्स में हर बार गोल्ड मेडल भारत ने ही जीता है।
5. कबड्डी का पहला वर्ल्डकप वर्ष 2004 में खेला गया था।भारत ने कबड्डी के अभी तक के सारे वर्ल्डकप जीते है।
6. कबड्डी भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, ईरान, श्रीलंका, जापान इत्यादि देशों में ज्यादा प्रसिद्ध है। वैसे इस खेल से एशियाई देश ज्यादा जुड़े हुए है। लेकिन कनाडा, ब्रिटेन जैसे देश भी अब कबड्डी खेलने लगे है।
7. वर्तमान में भारत में प्रो कबड्डी लीग का आयोजन होता है। इस लीग ने कबड्डी को घर घर तक पहुचाने का कार्य किया है।
8. कबड्डी खेल को महिलाओं के बीच भी खेला जाता है। वर्ष 2012 में कबड्डी का पहला महिला वर्ल्डकप खेला गया था। भारत की पुरुष और महिला टीम ने विश्व कबड्डी में अपना दबदबा बनाया है।
9. कबड्डी का खेल बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल भी है।
10. कबड्डी का मूल भाव होता है "हाथ थामे रहना"। इस खेल में पूरी टीम का सहयोग होता है। खिलाड़ी आपस में हाथ पकड़कर खड़े रहते है।
11. इस खेल को उत्तर भारत में कबड्डी, तमिलनाडु में चादुकट्टू, पूर्व में हु तू तू, पंजाब में कुड्डी कहते है।
भारत में कबड्डी के प्रकार :
कबड्डी का खेल भारत में मुख्यत: 4 प्रकार से खेला जाता है।
1. संजीवनी कबड्डी :
नाम से स्पष्ट है कि इसमें खिलाड़ी को एक बार संजीवनी मिलती है। इसका आशय यह है कि आउट हुए खिलाड़ी को वापस खेलने का मौका मिलता है। इस प्रकार की कबड्डी में एक निश्चित समय सीमा होती है।
2. पंजाबी कबड्डी :
पंजाबी कबड्डी को एक वृत रूपी मैदान में खेला जाता है।
3. जैमिनी कबड्डी :
इस कबड्डी में एक बार आउट हुआ खिलाड़ी मैदान से बाहर हो जाता है। वह वापस खेल में नहीं आ सकता है।
4. अमर कबड्डी :
इस खेल में कोई भी समय सीमा नहीं होती है। इसमें खिलाड़ी आउट होने के बाद भी खेलता है।
कबड्डी का महत्त्व :
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कबड्डी | प्रो कबड्डी |
कबड्डी खेल से शारीरिक विकास होता है। चुस्ती फुर्ती आती है। खिलाड़ी मानसिक रूप से मजबूत होता है। कबड्डी खिलाड़ियों को अनुशासन और एकता सिखाती है। भारत की वजह से कबड्डी को विश्वभर में अपनी पहचान मिली है। भारत के ग्रामीण इलाकों में कबड्डी ज्यादा खेली जाती है।
हमारे जीवन में कबड्डी का अहम स्थान होता है। हमारे स्वास्थ्य के लिए जितना खाना पीना जरूरी है, उतना ही खेलना भी जरूरी है। कबड्डी इसमें अहम भूमिका निभाता है। कबड्डी हमारे जीवन को खुशियों और उमंगो से भर देते है। प्रत्येक बच्चे को कबड्डी खेलना चाहिए।
निष्कर्ष :
कबड्डी खेल मैदान में खेले जाने वाला सबसे अच्छा खेल है। हम सभी को यह खेल खेलना चाहिए। कबड्डी खेल हमारी सेहत को अच्छा बनाए रखता है। साथ ही जीवन में आने वाली परेशानियों से भी डटकर मुकाबला करना सिखाता है।
कबड्डी जितना रोचक खेल है, उतना ही रोचक कबड्डी का इतिहास है। कबड्डी में भारत ने एशियाई खेल, विश्व कबड्डी लीग, प्रो कबड्डी, कबड्डी वर्ल्डकप जैसे खेलों में कई मेडल जीते है। कबड्डी का खेल पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।
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